जितना मिल रहा है, उतना ही ठीक है
सपने साकार करने की शक्ति तबतक ख़त्म होती नहीं .
जबतक अपने आप से उसे हम मारते नहीं .
बहुत से ऐसे लोग है जिन्होंने अपने आप को परेशानियों के अन्दर जीवन को उलझा रखा है |
यार आपसब को एक बात बताना चाहता हूँ की
अगर जिन्दगी में किसी को परेशानी नहीं होता….
तो क्या, आज हर कोई अम्बानी नहीं होता …..
आप अपने जीवन में जो बनने का निर्णय लिया है | उससे आपको कोई भी व्यक्ति या कोई भी बाधा दूर नहीं कर सकती है लेकिन तबतक
जबतक आप नहीं चाहो…ठीक उसी तरह जिस तरह एक माँ-बाप, अपने संतान को |
अगर भगवान हर व्यक्ति के सपने अलग और उसे साकार करने की शक्ति नहीं देती….
तो शायद भगवान् हमसब को एक जैसा बनाकर भेजती…
लेकिन हमसब एक जिन्दगी जीने के पीछे लगे है |
सबसे बड़ी मुश्किल तो तब होती है, जब कुछ लोग यह सोचते है की यार भगवान् के आशीर्वाद से रहने, खाने, और पहनने को मिल ही रहा है
मतलब ” जितना मिल रहा है, उतना ही ठीक है ”
अगर आप इसे स्वीकार करने के बजाए इसे नकारते हुए आगे बढ़ते है तो आप जिन्दगी के हर बाधा को पार कर सकते है |
हम मनुष्य को ऊपर से ही रहना, खाना और पहनना फ्री, रियासत में मिली है |
ये चीज की कमी आपको कभी नहीं हो सकती |
लेकिन आपकी इच्छाए जो है, सपने जो है उसे आप स्वयं पूरा कर सकते है |
भगवान् के द्वारा ही कहा गया है की ” मै तुम्हारी जरूरते पूरी कर सकता हूँ, तुम्हारी इच्छाएं नहीं….
क्योकि इच्छाएं अनंत है ..” अगर हम तुम्हारी जरूरते पूरी नहीं करेंगे तो तुम अपनी इच्छाएं कैसे पूरा करोगे ”
अंत में मै उनसब से एक बात ही कहना चाहूँगा की
” सचमुच जिनके मन में है अपने सपनो को पाने की चाह……
तो आप काम करते जाओ, बनते जायेगी आपकी राह ………”
Story Covered By :- Team AC KI AADAT
Super thought bhai